चुनाव रिजल्ट की समीक्षा के बाद भाजपा में होगा बड़ा ऑपरेशन

भोपाल । विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में मिली रिकॉड जीत के बाद भाजपा आलाकमान ने अब प्रदेशों के संगठन को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रीत किया है। इसी कड़ी में गत दिनों मप्र सहित 24 राज्यों के प्रदेश प्रभारियों को बदला गया। लोकसभा चुनाव के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय को ही मप्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब संभावना जताई जा रही है कि जल्द की प्रदेश संगठन में बदलाव किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि रविवार को राजधानी में मप्र भाजपा कार्यसमिति की बैठक में चुनाव रिजल्ट की समीक्षा के बाद संगठन में बदलाव पर फोकस किया जाएगा। रवींद्र भवन में रविवार को मप्र भाजपा कार्यसमिति बैठक में पहली बार एक हजार से ज्यादा मंडल अध्यक्ष भी शामिल हुए। पार्टी के आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा के साथ इस बैठक का खास फीचर रहा उन कार्यकर्ताओं का धन्यवाद जिन्होंने भाजपा को ये एतिहासिक जीत दिलाई। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली एतिहासिक जीत के बाद ये पहली कार्यसमिति की बैठक हुई। इस कार्यसमिति में केन्द्र के कार्यक्रमों पर चर्चा हई।
महेंद्र और सतीश की जोड़ी का दिखेगा असर
भाजपा ने केंद्र में नई सरकार के बनते ही मप्र में बदलाव की शुरूआत कर दी है। शुरूआत प्रभारी एवं सह प्रभारी से की गई है। सौ प्रतिशत रिजल्ट देने वाले लोकसभा चुनावों के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय को ही मप्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रभारियों की नियुक्ति के बाद में प्रदेश संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव किया जा सकता है। संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश संगठन के गठन में डॉ. महेंद्र सिंह और सतीश उपाध्याय की जोड़ी का प्रभाव देखने को मिलेगा। संकेत पुख्ता होते ही दावेदारों को लेकर भी प्रदेश में कयास बढ़ गए हैं। लोकसभा चुनाव और नई सरकार के गठन के साथ ही भाजपा में संगठन स्तर पर व्यापक बदलाव की संभावना जताई जा रही थीं। इसकी शुरूआत राष्ट्रीय संगठन ने मप्र में प्रभारी व सह प्रभारी बदलकर की है। अब तक संगठन के प्रभारी रहे पी मुरलीधर राव प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं। उनके स्थान पर यूपी के एमएलसी डॉ महेंद्र सिंह (एमएलसी) प्रभारी तथा दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय बीजेपी के सह प्रभारी बनाए गए हैं। इस जोड़ी ने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रदेश में खासी मेहनत की थी। बूथ स्तर तक पहुंचकर दोनों कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई। हर जिले में संगठन के नेता और कार्यकर्ताओं के बीच दोनों की पहचान भी हो चली है। साथ ही संगठन के नेताओं से तालमेल भी छह महीने में बना है। उपाध्याय को तो 2019 के चुनाव में भी प्रदेश का सहप्रभारी बनाया गया था। विधानसभा चुनाव केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्यप्रदेश का प्रभारी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाया था।
संगठन में दिखेगा इनका दम
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में 29 की 29 सीटें जीतकर मप्र भाजपा ने पूरे देश को चौंका दिया। इस वजह से सत्ता के बाद अब संगठन में मध्य प्रदेश भाजपा का दबदबा बढ़ेगा। एमपी के नेताओं को केंद्रीय संगठन में जगह मिल सकती है। संगठन में जिन्हें जगह मिल सकती है उनमें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, जयभान सिंह पवैया सहित कई नेताओं के नाम की चर्चा है। इन नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सत्ता हो या संगठन भाजपा में हमेशा प्रदेश के नेताओं का दबदबा रहा है। पदाधिकारियों ने कहा कि जिस तरीके से केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के पांच नेताओं को मंत्री बनाया है, उसी तरह आने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी मप्र के बड़े नेताओं को जगह मिलेगी। भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जहां कार्यकर्ता सत्ता की जगह संगठन में काम करना ज्यादा पसंद करते हैं। इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मप्र में भाजपा के कई नेता बेरोजगार हो गए हैं। जो नेता विधानसभा में चुनाव हारे और इस उम्मीद में रहे लोकसभा में उन्हें पार्टी टिकट देगी, उनकी उम्मीद पूरी नहीं हुई। ऐसे में अब ये लोग अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह चाहते हैं। इसके लिए वे लगातार लॉबिंग कर रहे हैं।
नेताओं को मिली थी इतनी बड़ी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि वीडी शर्मा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी थी। उन पर वोट शेयर बढ़ाने, मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक आकर्षित करने, युवाओं जोडऩे और सभी सीटें जिताने की जिम्मेदारी थी। शर्मा ने इन सभी जिम्मेदारियों को निभाया। इसका नतीजा रहा कि पूरे देश में मप्र इकलौता राज्य है जहां भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। शर्मा खुद अपनी सीट से 5 लाख 31 हजार 229 वोटों से जीते। इसी तरह पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को नई जॉइनिंग कमेटी का जिम्मा दिया गया था। उन्होंने पूरे प्रदेश में भाजपा में सदस्यता अभियान चलाया और कई लोगों को पार्टी में जोड़ा। खास बात यह रही कि, इस दौरान कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता और दिग्गज नेता भी भाजपा में शामिल हो गए। इस अभियान ने भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका निभाई।