छत्तीसगढ़प्रादेशिक समाचार

बस्तर पंडुम के समापन कार्यक्रम में अतिथियों ने विजयी प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत

जगदलपुर । बस्तर पण्डुम-2025 के तहत दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यक्रम का समापन लोक संस्कृति की अनुपम छटा के साथ रविवार को स्थानीय प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में हुआ। इस अवसर पर सांसद बस्तर महेश कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, एसपी श्री शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन तथा सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों ने समूचे जिले के प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर संभाग स्तरीय बस्तर पंडुम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी। इस दौरान जिले के सभी ब्लॉकों के प्रतिभागियों ने जिला स्तरीय बस्तर पण्डुम में बारिश के बावजूद उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस मौके पर सांसद महेश कश्यप ने समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य, अपार खनिज संपदा और जनजातीय संस्कृति से समृद्ध होने के फलस्वरूप समूचे विश्व में प्रसिद्ध है। जिले के प्रतिभागी इतनी बड़ी संख्या में बस्तर पंडुम के इस आयोजन में सहभागी बने हैं। हमारे पूर्वजों ने बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेज कर रखा और हमें यह समृद्ध विरासत मिला है। वर्तमान समय में भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति, परम्परा, रीति-रिवाज से दूर होती जा रही है, इसलिए हम सबका कर्तव्य है कि बस्तर की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करें। बस्तर की सांस्कृतिक खुशबु को देश-दुनिया तक पहुंचाना है। यहां की संस्कृति, परम्परा, तीज-तिहार अलग-अलग कलाओं एवं रीति-रिवाज को पहचान देने के लिए हमारे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर पंडुम का आयोजन किया जा रहा है। सांसद श्री कश्यप ने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन स्थानीय संस्कृति और प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण माध्यम है। इस आयोजन से बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परम्परा, रीति-रिवाज और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बस्तर के अंदरूनी इलाके के युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल कर विकास में सहभागी बनाने के लिए हरसम्भव पहल कर रही है। यही वजह है कि बस्तर के हर क्षेत्र में विकास की धारा पहुंच रही है और आने वाले दिनों में बस्तर के चहुंओर शांति और विकास की बयार बहेगी। बस्तर की संस्कृति को संजोने के लिए विभिन्न कलाकारों को मंच प्रदान किया जा रहा है। बस्तर पंडुम और बस्तर ओलिंपिक कराने का मूल उदेश्य यहां के युवा माओवाद से मुक्त होकर मुख्यधारा में जुड़ें तथा हमारे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की मंशानुरूप बस्तर को मार्च 2026 तक माओवाद समस्या मुक्त कर बस्तर को शांति का टापू बनाएंगे।

बस्तर पंडुम समापन अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप ने कहा कि यह महोत्सव हमारी परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का अवसर है। उन्होंने आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति, लोककला और परंपराओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और बस्तर की अनूठी पहचान को आगे बढ़ाएं। बस्तर पंडुम बस्तर की संस्कृति, लोकनृत्य, परम्परा, हाट-बाजार और आदिवासी समाज की जीवनशैली को दर्शाने वाला एक प्रमुख आयोजन है। आरंभ में कलेक्टर श्री हरिस एस ने बताया कि जिले के सभी विकासखण्डों में ब्लॉक स्तरीय बस्तर पंडुम आयोजन के बाद चयनित करीब तीन हजार प्रतिभागियों ने इस जिला स्तरीय बस्तर पंडुम में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इस दौरान बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति, रीति-रिवाज, परम्परा, कला, खान-पान की अनोखी झलक देखने को मिली। जिसमें सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों और सदस्यों, निर्णायकों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में लोक नाट्य कला में बकावंड विकासखंड विजेता रही, लोक वाद्ययंत्र में जगदलपुर विकासखंड को, लोक गीत में विवाह संस्कार गीत हेतु जगदलपुर को, जनजाति वेशभूषा में सोमा बघेल और साथी, लोक शिल्प कला में तोकापाल ब्लॉक, जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन हेतु हिंगलाजिन स्व-सहायता बकावंड और मंडई नाचा में दरभा ब्लॉक को पहला स्थान दिया गया। इस अवसर पर बस्तर के सामाजिक नेतृत्वकर्ता मांझी-चालकी, आदिवासी समाज के पदाधिकारियों सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button