मिर्गी की समस्या में नर्वस सिस्टम पर असर होता है और इसके कारण व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं। इस समस्या को लेकर अवेयरनेस फैलाने के लिए हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी अवेयरनेस डे मनाया जाता है। दौरे के कारण व्यक्ति में कुछ समय तक अनियंत्रित एक्टिविटी हो सकती है।
क्यों पड़ते हैं मिर्गी के दौरे?
मिर्गी के दौरे पड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे पिछले समय में सिर की चोट, दिमाग में संक्रमण या ट्यूमर। कभी-कभी दिमाग में कोई दिखने वाली समस्या नहीं होती, फिर भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर, संक्रमण, स्ट्रोक, दिमाग में घाव या चोट, ऑटोइम्यून बिमारी जैसी विकार के कारण मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। मिर्गी के दौरों की पुष्टि तब तक नहीं होती, जब तक व्यक्ति को एक या दो से ज्यादा बार दौरा न पड़ जाए।
मिर्गी के कॉमन लक्षण (Common symptoms of epilepsy)
मिर्गी असामान्य दिमागी एक्टिविटीज के कारण होती है। इस समस्या से जुड़े कुछ कॉमन लक्षण-
2) अस्थायी रूप से बेहोश हो जाना
3) सोचने की शक्ति मंद हो जाना
7) बातचीत और समझने में दिक्कत होना
8) भय, चिंता या दहशत महसूस करना।
10) बोलने या समझने में दिक्कत होना
11) अस्थायी रूप से भ्रम होना
12) दिल की धड़कन और सांस की गति बढ़ जाना
इन बातों पर न करें विश्वास
मिर्गी की बीमारी से जुड़ी कुछ बातों पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए। ये माना जाता है की यह एक संक्रामक बीमारी है जिस कारण मरीज की कोई मदद करने से भी डरता है लेकिन यह एक असंक्रामक बीमारी है और एक दूसरे से नहीं फैल सकती है। मिर्गी के मरीज को जूता सुंघाना, उसके मुंह में चम्मच डालना जैसी बातें मिथक ही हैं।