किसान बन पुलिस स्टेशन पहुंचे PM, रिश्वत दी फिर किया पूरा थाना सस्पेंड
आज किसानों के मसीहा और कोहिनूर चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन है। चौधरी चरण सिंह के जन्म दिन यानी 23 दिसंबर को किसान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को मेरठ के नूरपुर गांव में मीरसिंह चौधरी के घर में हुआ था। बचपन से पढ़ने लिखने में होशियार रहे चरण के पिता मीर सिंह चाहते थे कि वे पढ़ लिखकर जल्द से जल्द घर की जिम्मेदारी संभाले। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजुर था।
1923 में चरण सिंह ने मेरठ के साइंस काॅलेज से गेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और कानून की पढ़ाई के लिए गाजियाबाद आ गए। उन दिनों आजादी के आंदोलन को लेकर युवाओं में चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह को लेकर जबरदस्त क्रेज था। 1929 में चरण सिंह भी आजादी के आंदोलन में कूद गए। इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इस बीच 1937 में वे यूपी की विधानसभा में पहली बार विधायक चुने गये। चरण सिंह 1951 से 1967 तक यूपी में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे। इस दौरान वे सभी सरकारों में अहम पदों पर रहे। इसके बाद नेहरू से नाराज होने के कारण पार्टी छोड़ भारतीय क्रांति दल नामक पार्टी बनाई।
साल 1967 में वे यूपी के सीएम बने। इसके बाद 1967 में फिर सीएम बने। चरण सिंह 1979 में 5 महीने के लिए देश के पीएम बने। संसद में बहुमत साबित करने से पहले ही उनको इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस आई ने चरण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद 1980 में हुए मध्यावधि चुनाव में इंदिरा गांधी फिर एक बार पीएम बनी।
पीएम, सीएम और केंद्रीय मंत्री के पदों पर रहते हुए उन्होंने किसानों के लिए अनेक कदम उठाए। उन्होंने केंद्र में रहते हुए किसानों ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की। इसके अलावा खाद पर से सेल्स टैक्स हटाया। बिजली का 50 फीसदी हिस्सा गांवों को देना निश्चित किया। गांवों में पेयजल और सड़क निर्माण के कार्य करवाए गए। यूपी में जब पहली बार वे 1952 में मंत्री बने तो उन्होंने किसानों के लिए जमींदार उन्मूलन विधेयक पारित किया। इससे किसानों को उनकी जमीन का हक मिला।