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कभी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी, आज रेस में सबसे पिछड़ा; 25 साल में क्यों हाल बेहाल?

भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने आज अपने 25 साल पूरे कर लिए। कभी टेलीकॉम सेक्टर में सरकारी ताकत और भरोसे का नाम रहे BSNL का हाल आज बेहद चिंताजनक है। जहां एक समय देशभर में इसकी टेलिफोन लाइन और मोबाइल नेटवर्क की तूती बोलती थी, वहीं अब निजी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा और तकनीकी बदलावों के बीच BSNL अपनी पकड़ खो चुका है।

BSNL की स्थापना 1 अक्टूबर 2000 को हुई थी। शुरुआती वर्षों में यह कंपनी लाखों उपभोक्ताओं तक लैंडलाइन और मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने में सफल रही। गांव-गांव तक टेलीफोन लाइन बिछाने का श्रेय भी इसी कंपनी को जाता है। 2000 से 2010 तक BSNL भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर थी।
टेलीकॉम कंपनियों की रेस में क्यों पिछड़ा बीएसएनल?

समय के साथ टेलीकॉम सेक्टर में निजी कंपनियों जैसे एयरटेल, वोडाफोन और बाद में जियो ने जब तेज इंटरनेट और सस्ती योजनाएं लॉन्च कीं, तो BSNL पीछे छूट गया। 4G सेवाओं में देरी, नेटवर्क की कमजोरी, धीमी निर्णय प्रक्रिया और सरकारी निर्भरता ने इसे नुकसान पहुंचाया। ग्राहक धीरे-धीरे निजी कंपनियों की ओर चले गए।
बीएसएनल का लगातार घट रहा मार्केट

आज भी BSNL देशभर में लाखों उपभोक्ताओं के साथ मौजूद है, लेकिन इसका बाजार हिस्सा लगातार घट रहा है। सरकार ने कई बार पुनरुद्धार (revival) पैकेज की घोषणा की, 4G और अब 5G सेवाएं लाने की बात भी हो रही है, मगर अमल की रफ्तार धीमी रही है। एक तरफ जहां प्राइवेट कंपनियां 5जी सेवा प्रदान कर रही हैं. वहीं अब बीएसएनल ने 4जी सेवा की शुरुआत की है। जिसका उद्घाटन हाल ही में पीएम मोदी ने ओडिशा से किया है।

भारत का गौरव – BSNL #Swadeshi4G! पूरी तरह देश में बनी तकनीक से तैयार हुआ 4G (5G रेडी) नेटवर्क। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया लॉन्च, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि।#25YearsOfBSNL #BSNL #BSNL4GSaturation #BharatKaApna4G #ConnectingTheUnconnected… pic.twitter.com/h4WmUlPGbm — BSNL India (@BSNLCorporate) September 30, 2025

BSNL के कुल यूजर्स

दिसंबर 2024 तक BSNL की कुल सब्सक्राइबर संख्या लगभग 91.72 मिलियन (9.172 करोड़) थी। इसके अलावा, सक्रिय (active/VLR) मोबाइल उपयोगकर्ता संख्या जून 2025 में लगभग 57.10 मिलियन (5.71 करोड़) थी। इसकी तुलना में जियो ने अगस्त 2025 तक 500 मिलियन (50 करोड़) ग्राहक पार करने की घोषणा की है।
BSNL पर अब तक कितना खर्च कर चुकी है सरकार?

सरकार ने 2019 में पहला पुनरुद्धार पैकेज लगभग ₹69,000 करोड़ मंजूर किया।
जुलाई 2022 में दूसरा पैकेज ₹1.64 लाख करोड़ की राशि। इसमें पूंजी निवेश, डेब्ट रिस्ट्रक्चरिंग, देय AGR/GST समझौते शामिल थे।
2023 में सरकार ने BSNL को 4G/5G स्पेक्ट्रम देने हेतु लगभग ₹89,000 करोड़ का पैकेज स्वीकृत किया।
2025 के लिए अतिरिक्त पूंजी व्यय (CAPEX) के रूप में ₹6,982 करोड़ की स्वीकृति दी गई है, जो 4G नेटवर्क विस्तार के लिए है।

BSNL के पास अब क्या विकल्प?

विशेषज्ञों का मानना है कि BSNL के पास अभी भी बड़ा ग्रामीण नेटवर्क और सरकारी भरोसा है। अगर यह तकनीकी अपडेट और तेज इंटरनेट सेवाओं पर ध्यान दे, तो आने वाले वर्षों में वापसी संभव है। लेकिन फिलहाल, BSNL का 25वां वर्षगांठ एक चेतावनी भी है कि सरकारी उपक्रमों को प्रतिस्पर्धा के जमाने में आत्मनिर्भर और तेज बनना होगा।

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