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कफ सिरप पीने से अब तक 11 मासूमों की मौत

मध्य प्रदेश और राजस्थान में खांसी की एक आम दवा बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। दोनों राज्यों में अब तक 11 बच्चों की किडनी फेल होने से दर्दनाक मौत हो चुकी है। साधारण सर्दी-बुखार के बाद दिए गए कफ सिरप को इन मौतों का जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसने स्वास्थ्य विभाग से लेकर माता-पिता तक को दहशत में डाल दिया है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हालात सबसे गंभीर हैं, जहां पिछले पंद्रह दिनों में नौ बच्चों ने दम तोड़ दिया है, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।

छिंदवाड़ा में मरने वाले नौ बच्चों में से कम से कम पांच ने कोल्डरेफ और एक ने नेक्ट्रो सिरप लिया था। इन बच्चों की मौत किडनी फेल होने की वजह से हुई। परासिया के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट शुभम यादव ने नौ बच्चों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग 1,420 बच्चों की सूची बनाकर उन पर कड़ी नजर रख रहा है, जिनमें सर्दी, बुखार या फ्लू जैसे लक्षण हैं। किसी भी बच्चे की तबीयत दो दिन से ज्यादा खराब होने पर उसे सीधे सिविल अस्पताल में भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।
शक के घेरे में ‘डेक्सट्रोमेथॉर्फन’ सिरप

इन सभी मौतों के केंद्र में डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड नामक कफ सिरप है। डॉक्टरों के अनुसार, यह एक खांसी कम करने वाली दवा है जो सूखी खांसी में दी जाती है। यह मस्तिष्क में खांसी पैदा करने वाले संकेतों को रोककर काम करती है। हालांकि, डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यह दवा 2 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। 2 से 6 साल के बच्चों को भी इसकी सटीक खुराक देना बेहद जरूरी है। बिना डॉक्टरी सलाह के इसका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है, जिससे चक्कर आने से लेकर किडनी और लिवर पर गंभीर असर पड़ सकता है।

सरकारें एक्शन में, जांच के लिए भेजे गए सैंपल

मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान, दोनों राज्यों की सरकारें हरकत में आ गई हैं। दवा की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने दोनों राज्यों से पानी और दवाओं के सैंपल इकट्ठे किए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। वहीं, राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने सिरप के 19 बैचों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने माता-पिता और डॉक्टरों को सतर्क रहने की सलाह जारी की है।

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