आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार एक अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए व्यक्ति को खाने पीने से जुड़े कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। खानपान की गलत आदतों की वजह से शरीर के तीन मुख्य तत्व वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ सकता है। जिससे व्यक्ति की सेहत खराब होने की वजह से वो बीमार पड़ सकता है। आयुर्वेद का एक ऐसा ही नियम दूध और उसके साथ खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को लेकर भी बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनका सेवन अगर दूध के साथ किया जाए तो दूध के पोषण मूल्य कम हो सकते हैं या फिर व्यक्ति का पेट खराब हो सकता है।
दूध के साथ नहीं खानी चाहिए ये 5 चीजें
खट्टे फल
आयुर्वेद के अनुसार कभी भी संतरा, नींबू और अंगूर जैसे खट्टे फलों का सेवन दूध के साथ नहीं करना चाहिए। दूध के साथ खट्टे फलों को खाने से खट्टे फलों की अम्लता व्यक्ति के लिए पाचन संबंधी परेशानियां पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा ये फूड कॉम्बिनेशन दूध के पोषण मूल्यों को कम करके कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण में भी बाधा डाल सकता है।
स्पाइसी फूड
मसालेदार भोजन करने के बाद दूध पीने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा हो सकती है। दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन कैसिइन, पाचन से जुड़े एंजाइम को पतला करके पाचन को धीमा कर सकते हैं। जिससेदूध का प्रोटीन अच्छी तरह पच नहीं पाता है। जबकि मसालेदार भोजन से शरीर में एसिड बनता है और पेट की आंतों में जलन होती है। दूध पीने से ये समस्या और बढ़ सकती है।
सी फूड
दूध के साथ मछली जैसे सी फूड को खाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि मछली और दूध की तासीर अलग-अलग होती है। इन दोनों को एक साथ खाने से शरीर में केमिकल असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे अपच और पेट खराब होने के साथ स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
दूध के साथ हाई फाइबर फूड
दूध के साथ हाई फाइबर फूड खाने से यह दूध के पाचन की प्रकिया को धीमा कर सकता है, जिससे संभावित रूप से सूजन, गैस और असुविधा पैदा हो सकती है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को दूध के साथ खाने से ना सिर्फ पेट में भारीपन महसूस हो सकता है बल्कि पाचन संबंधी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं।
पत्तेदार हरी सब्जियां
पालक जैसी पत्तेदार सब्जियों में मौजूद ऑक्सालिक एसिड, दूध में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल बनाता है। यह क्रिस्टल गुर्दे या मूत्र पथ में रुकावट पैदा कर सकता है।