महाकुंभ में भगदड़ से 14 लोगों की मौत, पूरे देश से संवेदना, रो पड़े महामंडलेश्वर लेकिन होगा अमृत स्नान

प्रयागराजः प्रयागराज के संगम तट पर मची भगदड़ में 14 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। इस बीच पीएम-सीएम सहित पूरे देश से मृतकों के परिवार जनों के प्रति संवेदना व्यक्त की जा रही है।
घटना के बाद एनएसजी कंमाडों ने मोर्चा संभाल लिया है। अखारे का रास्ता पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। स्थिति नियंत्रण में है और श्रद्धालू स्नान शुरू हो गया है। साधु संत भी शांतिपूर्ण रूप से सादगी के साथ संगम में अमृत स्नान करेंगे। इसके लिए सभी तैयारयां पूरी कर ली गई है।
गौरतलब हो कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान होने की वजह से करीब 9 करोड़ श्रद्धालु के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।मौनी अमावस्या के एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
इस बीच पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें। जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची है।
भगदड़ की प्रमुख वजह
बताया जा रहा है कि अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई और लोग भागने लगे जिसमें दबकर 14 लोगों की मौत हो गई। दूसरी वजह के अनुसार संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
एनएसजी कमांडो ने संभाला मोर्चा
प्रयागराज हादसे के तत्काल बाद दर्जनों एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
रो पड़े महामंडलेश्वर
महाकुंभ में भगदड़ (Mahakumbh Stampede) में हुई मौतों पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी रो पड़े। उन्होंने कहा कि ‘हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल है। प्रशासन सिर्फ वीआईपी की जी हुजूरी में लगा रहा. इसके अलावा उन्हें कुंभ से कोई मतलब नहीं। किसी का बेटा चला गया।किसी का बाप चला गया। पिछले स्नान के बाद ही हमने प्रशासन को सचेत किया था।