कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले

–हमर छत्तीसगढ़ के रामनामी समाज के मनला जानथस नहीं जी भैरा?
-हाँ जानबे कइसे नहीं जी कोंदा.. हमन उनला रमरमिहा कहिथन.
-हाँ ठउका जाने.. ए मन असल म दलित वर्ग के आय, जे मनला इहाँ के धरम-करम के गौंटिया मन मंदिर-देवाला म जाके पूजा-दरसन करे बर छेंका-रूंधा कर दिए रिहिन हें.
-अच्छा..!
-हव.. मैं एकर मन संग कतकों बेर मुंहाचाही करत रेहे हौं.
-अच्छा..
-हव.. तब ए मन बतावंय के हमन ल जब मंदिर-देवाला म जाए के रोका-छेंका होगे, त हमन निराकार ब्रह्म ल राम के रूप मान के वोकरे उपासना करे लगेन.. एकरे सेती सैकड़ों बछर ले अपन देंह-पॉंव, कपड़ा-लत्ता सबोच म राम राम गोदवा डारथन. एमा के एक झन सियान ह बतावत रिहिसे के हमर राम ह राजा दशरथ के बेटा नहीं, भलुक निराकार ब्रह्म आय.
-चाहे कोनो रूप के उपासना होय संगी.. आय तो राम के ही उपासना.. अउ अइसन बेरा म जब पूरा देश दुनिया के लोगन 22 जनवरी के अयोध्या म रामलला के प्राण प्रतिष्ठा होय के नेवता झोंक के उहाँ जावत हें, त एहू रामभक्त मनला नेवता तो मिलना ही चाही.
-कहे बर तो सिरतोन कहिथस संगी, फेर ए मनला आजो कहूँ सिरिफ दलित नजरिया ले ही देखे जावत होही त धरम के गौंटिया मन कइसे इनला उहाँ देखे अउ नेवते सकहीं?