अगर कुंडली में है कालसर्प दोष, तो छुटकारा पाने के लिए नाग पचंमी पर करें ये उपाय

सावन का महीना चल रहा है इसे भगवान शिव के पावन महीने के रूप में जाना जाता है। सावन में कई व्रत और त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाए जाते है। शिवभक्त, भगवान शिव की आराधना भक्ति के साथ करते है जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते है। नाग पंचमी भी प्रमुख त्योहारों में से एक होता है जो इस बार 29 जुलाई को मनाया जाने वाला है।
नाग पंचमी के मौके पर नागदेव की पूजा ती जाती है। कई लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है जिसके वजह से जीवन में कई परेशानियां आती है। आज हम आपको नाग पचंमी पर काल सर्प दोष की मुक्ति के लिए कुछ उपायों की जानकारी दे रहे है जिसके बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है।
पहले जानिए कब बनता है काल सर्प दोष
नागपंचमी के मौके पर काल सर्प दोष की मुक्ति से जुड़े उपाय आप कर सकते है। दरअसल यह काल सर्प की स्थिति उस समय बनती है जब राहु और केतु के बीच में सभी ग्रह आते हैं। अगर यह दोष किसी व्यक्ति की कुंडली में होता है तो, नाग पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से कालसर्प दोष सहित अन्य सर्प दोष के प्रभाव को खत्म कर सकते हैं।
जानिए कैसे पाएं कालसर्प दोष से मुक्ति
यहां पर अगर आप भी कालसर्प दोष की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको कुछ उपाय के बारे में जानकारी दे रहे है जो आपको दोष से मुक्ति दिलाते है।
- अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष की स्थिति बनी हुई है तो आपको पहला उपाय यह करना है। आप नाग पंचमी के दिन से रोज माथे पर चंदन का तिलक लगाना शुरू कर दें। कहते है कि, ऐसा करने से मस्तिष्कों को शांति मिलती है और राहु-केतु के प्रभाव को भी काम किया जा सकता है।
- नाग पंचमी के दिन दूसरा उपाय आप यह कर सकते है कि श्री सर्प सूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष का प्रभाव खत्म होता है और जीवन में आ रही कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
- कहते हैं कि, किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर कालसर्प दोष निवारण पूजा नागपंचमी के दिन करवाने से भी विशेष लाभ मिलता है।
- इसके अलावा आप अन्य उपायों में यह कर सकते है कि, नाग पंचमी के दिन से नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करने और महामृत्युंजय मंत्र का नियमित रूप से जाप करें ऐसा करने से भी कालसर्प दोष से राहत मिलती है।
- वहीं पर आप चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। यदि चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो तांबे के नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करें।