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कोन्दा भैरा के गोठ- सुशील भोले…

नवरात जोहार जी भैरा. शीतला देवाला डहार जावत हावस तइसे जनाथे?
-माता जोहार जी कोंदा. हव जी संगी ए बछर शीतला दाई के नौ दिन सेवा करे के मोरे भाग जागगे हे.
-ए तो बने बात आय संगी. भागमानी मनला नवरात म पंडा बनके महतारी के सेवा करे के सौभाग्य मिलथे.
-हाँ ए तो ठउका आय. फेर मोला एक बात जानना रिहिसे जी.. सबो देवता मन के तो बछर म एके पइत जयंती परब आथे, फेर माता दाई के जयंती परब ह बछर म दू पइत काबर?
-लोकमान्यता ए हे संगी के माता दाई ह पहिली सती के रूप म अवतरे रिहिसे अउ फेर वोकर बाद म पार्वती के रूप म तेकर सेती हमन माता दाई के जयंती परब ल बछर म दू पइत मनाथन.
-फेर पोथी-पतरा के जानकर मन बछर म चार बेर नवरात आथे कहिथें, चैत अउ कुवांर के छोड़े दू ठन गुप्त नवरात बताथें.
-पोथी-पतरा वाले मन कुछू बतावंय या मानंय. हमर लोक परंपरा म तो सिरिफ दूएच आथे- चैत अउ कुवांर म.

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