देश विदेशराजनीतिक

विधानसभाओं में कम हो रही हैं बैठकें

नई दिल्ली। लेजिस्लेटिव रिसर्च संस्था की वार्षिक रिपोर्ट 2024 जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2024 में राज्य विधानसभा में बहुत कम बैठकों का आयोजन हुआ है। ओसतन 20 दिन ही विधानसभा की बैठक आयोजित हुई हैं। भारत की विभिन्न विधानसभाओं में औसतन 100 घंटे का ही कामकाज हुआ है।
उड़ीसा में 42 दिन, केरल में 30 दिन, पश्चिम बंगाल में 36 दिन विधानसभा की बैठक आयोजित हुई है। इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा बैठकें आयोजित हुई हैं। नागालैंड में मात्र 6 दिन, सिक्किम में 8 दिन, पंजाब, उत्तराखंड,अरुणाचल प्रदेश में केवल 10 दिन की बैठक हुई हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े हिंदी भाषी राज्यों में मात्र 16 दिन ही विधानसभा की बैठक की कार्रवाई हो पाई है।
विधानसभा का 6 महीने में काम से कम एक बार सत्र बुलाया जाना अनिवार्य होता है। इसका पालन करने के लिए 11 राज्यों ने मात्र एक या दो दिन का सत्र बुलाकर औपचारिकता पूरी की है। झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्य में भी 2023 की तुलना में 2024 में कम बैठक आयोजित की गई है।
पिछले कुछ वर्षों में विधानसभा की बैठकें निरंतर कम होती चली जा रही हैं। जिसके कारण विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका विधानसभा में नहीं मिलता है। राज्य सरकारें विधानसभा के प्रति अपनी जवाब देही को कम करने के उद्देश्य से कम से कम बैठक बुलाना चाहते हैं। राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष भी सरकार को बैठक बुलाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप राज्य सरकारें कम दिन के सत्र का आयोजन कराती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button