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पंडरी स्थित ट्रस्टी की जमीन को अजय तिवारी ने भू.माफिया हरिबल्लभ अग्रवाल को बेचा!

रायपुर | ग्राम सेवा समिति की पंडरी स्थित भूमि को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। समिति के बुनकरों ने रायपुर संभाग आयुक्त से शिकायत की है कि स्वयंभू ट्रस्टी अजय तिवारी ने भूमाफिया हरिबल्लभ अग्रवाल को यह भूमि बेच दी है, जिसके चलते अवैध कॉलोनी बनाई जा रही है और लगभग 50 वर्षों से निवास कर रहे बुनकरों के परिवारों को डराया-धमकाया जा रहा है।

बुनकरों का आरोप है कि अज य तिवारी, जिनका इस भूमि पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है, उन्होंने हरिबल्लभ अग्रवाल के साथ मिलकर उन्हें बेदखल करने की साजिश रची है। बुनकरों के अनुसार उनके घरों के आसपास अवैध रूप से सड़कें बनाई जा रही हैं, बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जा रहे हैं, ताकि वे अपना घर छोड़कर चले जाएं।

प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में लगातार रायपुर कलेक्टर और पंजीयक न्यास रायपुर के समक्ष आवेदन दिए हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस निष्क्रियता के कारण अजय तिवारी और हरिबल्लभ अग्रवाल का हौसला बढ़ा हुआ है। बुनकरों के घरों के आसपास लगातार मलबा डालकर सड़कें बनाई जा रही हैं, जिससे ऐसी स्थिति पैदा की जा रही है कि वे अपना घर छोड़ दें और हरिबल्लभ अग्रवाल अवैध कॉलोनी बनाकर जमीन बेच सकें।

यह भी बताया गया कि जोन क्रमांक 3 द्वारा भी अजय तिवारी और हरिबल्लभ अग्रवाल को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बुनकरों ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर, पंजीयक न्यास, क्षेत्रीय विधायक पुरंदर मिश्रा और जोन आयुक्त 3 को लगातार आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, और उलटा उन्हें धमकाया जा रहा है कि “शिकायत करना है तो कर लो, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

ग्राम सेवा समिति में काम करने वाले बुनकर और उनके परिवार लगभग 50 वर्षों से इस भूमि पर निवास कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह संस्था उन्हीं के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब उनकी कीमती भूमि को भूमाफिया हरिबल्लभ अग्रवाल को बेचने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वे बेहद परेशान हैं।

बुनकरों ने संभाग आयुक्त से अनुरोध किया है कि वे तत्काल भूमाफिया हरिबल्लभ अग्रवाल के अवैध निर्माण को रोकें और अजय तिवारी व हरिबल्लभ अग्रवाल के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें। उन्होंने गुहार लगाई है कि उन्हें बेघर होने से बचाया जाए और पंजीकृत न्यास की भूमि को संरक्षित कर उनके परिवारों को संरक्षण प्रदान किया जाए।

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