छत्तीसगढ़प्रादेशिक समाचार

तरपोंगी टोल पर प्रदर्शन के बाद NSUI के 9 पदाधिकारियों के खिलाफ FIR…

रायपुर । छात्र और युवा हितों को लेकर तरपोंगी टोल प्लाजा पर किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद एनएसयूआई के 9 पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर को लेकर एनएसयूआई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे “दबाव की राजनीति” करार दिया है। संगठन ने साफ किया है कि वह छात्रों और युवाओं की लड़ाई से पीछे नहीं हटेगा।

किन-किन पर दर्ज हुई एफआईआर?
प्रशासन ने जिन एनएसयूआई नेताओं पर नामजद एफआईआर दर्ज की है, उनमें नीरज पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष, अमित शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रशांत गोस्वामी, जिला अध्यक्ष, विशाल कुकरेजा, वैभव मुँजेवार, गावेश साहू, लोमन सोनवानी, जग्गू जांगड़े, जितेश वार्मा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हैं।

“छात्रों की आवाज़ को दबाने की कोशिश”
एनएसयूआई का कहना है कि यह कार्यवाही पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद छात्रों और युवाओं की बुनियादी मांगों को कुचलना है। प्रदर्शन के केंद्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार, शांतिपूर्ण यातायात, और नागरिक सम्मान की माँगें थीं।

नीरज पांडेय बोले: “हम डरने वाले नहीं”
प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने कहा, “टोल प्रबंधन और शासकीय अधिकारियों की मिलीभगत से झूठी एफआईआर दर्ज कर हमें डराने की कोशिश की गई है। लेकिन एनएसयूआई डरने वाली नहीं है। यह लड़ाई छात्रों और युवाओं के अधिकारों की है और हम इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन प्रशासन ने अपनी विफलता छिपाने के लिए दमनात्मक कार्रवाई की।

एनएसयूआई ने प्रशासन के सामने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
टोल प्लाजा प्रबंधन की जांच
जबरन वसूली और अव्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई
छात्रों और युवाओं की समस्याओं को प्राथमिकता
नामजद नेताओं पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं

एनएसयूआई ने साफ किया है कि वह डराने-धमकाने की किसी भी कोशिश के सामने झुकने वाली नहीं है। संगठन ने यह भी चेताया कि यदि छात्रों की मांगें नहीं मानी गईं और एफआईआर वापस नहीं ली गई, तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button