जान लीजिए क्या रहेगा राखी बांधने के मुहूर्

आज देशभर में भाई-बहन के प्यार का प्रतीक यानि रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। इस प्यार भरे बंधन के शुभ मुहूर्त की शुरूआत भी हो गई है। राखी के मौके पर बहनें,अपने भाई की दाहिनी कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर भाई के सुखी जीवन की कामना करती है। वहीं पर भाई, बहन से वादा करता है कि, वह अपनी बहन की रक्षा हर कदम पर करेगा। आज सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग हैं,ये दोनों ही योग शुभ फलदायी हैं। इसमें किए गए कार्य सफल सिद्धि होते हैं।
शुभ मुहूर्त में राखी बांधना होता है शुभ
आपको बताते चलें, शुभ मुहूर्त में राखी बांधना शुभ होता है। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है. भद्रा रहित शुभ मुहूर्त में ही रक्षाबंधन मनाना शास्त्र सम्मत माना गया है। लेकिन इस बार रक्षाबंधन मुहूर्त के बीच में राहुकाल भी है, ऐसे में राहुकाल का त्याग करना चाहिए। राहुकाल को अशुभ माना जाता है। यहां पर दिग पंचाग के अनुसार, सावन पूर्णिमा तिथि कल 8 अगस्त को 2:12 पीएम से शुरू हुई थी, जो आज 9 अगस्त को 1:24 पीएम तक जारी रहेगा।
जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
यहां पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त की शुरूआत हो चुकी है।सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट तक. इसमें राहुकाल सुबह 9:07 बजे से सुबह 10:47 बजे तक और दुर्मुहूर्त सुबह 5:47 बजे से सुबह 7:34 बजे तक है।
राखी बांधने का शुभ समय
- सुबह 7 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक
- सुबह में 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक
भाई को तिलक लगाने का मंत्र
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।।
राखी बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।
राखी का दीपक जलाने का मंत्र
शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्,
शत्रुबुद्धि विनाशाय, दीपज्योति नमोस्तुते।।
रक्षाबंधन पर राखी बांधने की सही तरीका
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त 04:22 ए एम से 05:04 ए एम में उठकर स्नान आदि से निवृत हों। जो ब्रह्म मुहूर्त में नहीं उठ सकते हैं, वे अपने नियमित समय पर उठकर स्नान आदि कर लें. फिर साफ कपड़े पहनें।
- शुभ मुहूर्त में बहन राखी की थाली सजा ले। फिर भाई को पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाएं। भाई के सिर को कपड़े से ढक दें।
- सबसे पहले भाई को लाल चंदन या रोली, दही और अक्षत् से तिलक करें और मंत्र पढ़ें। उसके बाद दाहिने हाथ की कलाई पर सुंदर की राखी बांधें। उस समय येन बद्धो बलि राजा मंत्र पढ़ें।
- राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं। मंत्र पढ़कर गाय के घी का दीपक जलाएं. अपने भाई की आरती उतारें। उनके सुखी जीवन की प्रार्थना करें। भाई बड़े हैं, तो उनका आशीर्वाद लें। भाई छोटा है तो आप उनको उपहार दें।
- भाई को चाहिए को बहन को उपहार और पैसे दें। बहन बड़ी हैं तो उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।