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जनजातीय समाज का इतिहास व विरासत अत्यंत वैभवशाली : सांसद नाग

बालोद । कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग ने कहा कि जनजातीय समाज का देश के स्वाधीनता से लेकर राष्ट्र और समाज के नवनिर्माण में अतुलनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज का इतिहास एवं विरासत अत्यंत वैभवशाली है। नाग आज विकासखंड मुख्यालय डौंडी के पुलिस मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में विधायक डौंडीलोहारा अनिला भेड़िया, विधायक गुण्डरदेही कुंवर सिंह निषाद एवं विधायक संजारी बालोद संगीता सिन्हा सहित जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश निरोटी, नगर पंचायत अध्यक्ष सोमेश सोरी, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि पवन साहू, कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ संजय कन्नौजे, जनपद अध्यक्ष बसंती दुग्गा, जिला पंचायत सदस्य ललिता पीमन साहू, जनपद उपाध्यक्ष पुनीत सेन, नगर पंचायत उपाध्यक्ष रूपेश नायक एवं तुलसी राम मरकाम सहित अन्य अतिथिगण उपस्थित थे। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित इस जनजातीय गौरव समारोह के अवसर पर आयोजित समारोह में अतिथि एवं वक्ताओं के द्वारा जनजातीय समाज के विशेषताओं एवं महत्व के संबंध में रोचक तथा ज्ञानवर्धक जानकारी दी। इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा भव्य एवं रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई। समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं एवं प्रबुद्धजनों ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ राष्ट्र व समाज के नवनिर्माण में जनजातीय समाज के योगदानों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर अतिथियों एवं समारोह में उपस्थित लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्चुअल संबोधन को भी सुना।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद नाग ने कहा कि देश व समाज के सामने जब-जब चुनौतियां आई है। तब-तब जनजातीय समाज के विभूतियों एवं जनजातीय समाज के लोगों ने उनका डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह अकबर के शक्ति के सामने भारत के सभी राजा-महराजा नतमस्तक होकर उनकी अधीनता स्वीकार कर रहे थे। ऐसी विषम परिस्थितियों में गोंडवाना साम्राज्य की शासिका वीरांगना रानी दुर्गावती ने मातृभूमि की रक्षा के लिए मुगलों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। लेकिन मुगलों की अधीनता कभी स्वीकार नहीं की। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज के महानायक वीर सपूत भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, शहीद वीर नारायण सिंह, गुण्डाधुर एवं शहीद गेंद सिंह नायक आदि के शौर्य एवं पराक्रम का उल्लेख करते हुए इन विभूतियों को पूरे भारत वर्ष का गौरव बताया। नाग ने कहा कि हमारे इन विभूतियों से प्रेरणा लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाये संचालित की जा रही है।

नाग ने जनजातीय समाज के उत्कृष्ट जीवन पद्धति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि हम सबको ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निजात पाना है तो आदिवासियों की जीवन पद्धति को आत्मसात करना होगा। इस अवसर पर उन्होंने आदिवासियों की ऐतिहासिक घोटूल प्रथा पर प्रकाश डालते हुए इसे संस्कृति एवं सभ्यता के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान बताया। नाग ने आदिवासियों के परम्परागत खानपान एवं उत्पाद मड़िया, कोदो-कुटकी आदि के विशेषताओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने समाज के लोगों को अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए शिक्षित, संगठित एवं जागरूक होने की भी अपील की। नाग ने नशापान को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए समाज के लोगों को इससे सर्वथा दूर रहने की अपील की।

इस अवसर पर विधायक डौंडीलोहारा अनिला भेड़िया ने देश व समाज के नवनिर्माण में आदिवासी समाज के लोगों के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने समाज के लोगों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करने को कहा। विधायक गुण्डरदेही कुंवर सिंह निषाद ने आदिवासियों की संस्कृति एवं इतिहास को अत्यंत गौरवशाली एवं समृद्ध बताते हुए सभी के लिए इसे प्रेरणास्त्रोत बताया। विधायक संजारी बालोद संगीता सिन्हा ने भगवान बिरसा मुंडा एवं जनजातीय समाज के अन्य महानायकों के योगदानों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सादर नमन किया। वरिष्ठ जनप्रतिनिधि पवन साहू ने कहा कि पूरे मानव समाज को संस्कृति एवं सभ्यता की शिक्षा आदिवासियों की उत्कृष्ट जीवन पद्धति से मिला है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वाधीनता की सर्वप्रथम अलख जनजातीय समाज की विभूतियों ने जगाई थी।

इस अवसर पर कलेक्टर सिंह चंद्रवाल ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के पावन जयंती के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी धरती के सबसे प्राचीन एवं मूलनिवासी है। चंद्रवाल ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी समाज के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार बालोद जिले में भी आदिवासी समाज के चहँुमुखी विकास के लिए जिला प्रशासन द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिले के अंतिम छोर में स्थित आदिवासी बाहुल्य ग्राम हुच्चेटोला के ग्रामीणों के आय को दुगुना करने समुचित उपाय सुनिश्चित किए गए है। इसके अलावा जिले के सभी आदिवासी ग्रामों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के अलावा वहाँ के निवासियों को शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृष्णा साहू ने जनजातीय समाज के गौरवशाली विरासत, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व एवं योगदानों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों के संबंध में जानकारी दी।

इस अवसर पर आदिवासियों के संस्कृति एवं परंपरा का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम स्थल में आदिवासी के कला एवं संस्कृति पर आधारित स्टाल भी लगाया था। कार्यक्रम में एसडीएम रामकुमार सोनकर, तहसीलदार एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीडी मंडले सहित जनप्रतिनिधि एवं आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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