छत्तीसगढ़ में बारिश से कई इलाके हो गए जलमग्न, नदी-नालों में बढ़ा जलस्तर।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में मंगलवार को तेज बारिश का दौर जारी है। राजनांदगांव में बारिश से कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। जगदलपुर और सुकमा जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हाईवे पर पानी भरने से तेलंगाना से सड़क संपर्क टूट गया है।
सुकमा जिले के कोंटा में सबरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। यहां खतरे का निशान 15 मीटर है। जलस्तर में वृद्धि जारी है। सोमवार रात 11 बजे जलस्तर 15.92 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद कम होना शुरू हुआ। सुबह पांच बजे 12 मीटर तक गिर गया था। लगभग एक घंटा स्थिर रहने के बाद दोबारा जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ है।
जगदलपुर में इंद्रावती नदी का जलस्तर पुराने पुल के ऊपर पहुंचा। यहां नदी खतरे का निशान आठ मीटर से ऊपर बह रही है। जलस्तर प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की गति से बढ़ रहा है। जगदलपुर में इंद्रावती नदी के पानी से नगरनार क्षेत्र का भेजपदार गांव बाढ़ से घिरा। कोंटा के समीप इंजराम में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर पानी भर गया है। सबरी नदी में बाढ़ के कारण तेलंगाना का सड़क संपर्क टूटा।
राजनांदगांव जिले में सोमवार की शाम से शुरू हुई बारिश अब तक रुक-रुककर जारी है। जिसके कारण नदी और नाले उफान पर आ गए हैं। वनांचल में बाढ़ की स्थिति बन गई है। राजनांदगांव जिले में बाघनदी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण गांव जलमग्न हो गया है।
पुलिस थाना भी आधा डूब गया है, कई जवान यहां फंसे थे। जिन्हें ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया। मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में भी बाढ़ के कारण खतरा बढ़ गया है। कई रास्ते बाढ़ के कारण बंद पड़ गए है।
राजनांदगांव से चौकी के बीच कुमरदा में सड़क पर ही घुटने तक पानी का बहाव है, जिसके कारण यातायात प्रभावित है। बस्तियों में भी पानी भर गया है। खैरागढ़ में भी आमनेर और पिपरिया नदी उफान में आने से खैरागढ़ की निचली बस्तियां जलमग्न हो गई हैं।
इसके कारण लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिवनाथ नदी में भी बाढ़ की स्थिति है, लगातार 17 घंटे से हो रही बारिश से मोंगरा बराज भी छलक गया है। बराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।