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भाजपा सरकार लोहारीडीह के 167 लोगों को फांसी पर चढ़ाना चाहती है: भूपेश

रायपुर। लोहारीडीह मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोहारीडीह के 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें संगीन धाराएं लगाई गई हैं। भूपेश बघेल ने दावा किया कि सरकार इन सभी लोगों को फांसी की सजा दिलवाना चाहती है, जो एफआईआर से स्पष्ट हो रहा है।
मुख्य बिंदु:

संगीन धाराएं:
भूपेश बघेल ने कहा कि एफआईआर के अनुसार, पूरे गांव को संगीन धाराओं में फंसाकर जेल में डालने की साजिश रची गई है। कुल 167 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें फांसी और दोहरे आजीवन कारावास जैसी गंभीर सजाओं का प्रावधान है।
सरकारी विफलता का बदला:
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपनी विफलताओं का बदला गांव के लोगों से ले रही है। एफआईआर के आधार पर गांव के अन्य लोगों का नाम भी जोड़ा जा सकता है।
जातीय विभाजन:
बघेल ने बताया कि विभिन्न जातियों के लोगों को फंसाया गया है:
साहू समाज के 137 लोग
यादव समाज के 20 लोग
आदिवासी समाज के 8 लोग
मानिकपुरी और पटेल समाज से 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। इस तरह कुल 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
विवेचना की गंभीरता:
बघेल का कहना है कि सिर्फ एक व्यक्ति के बयान के आधार पर पूरे गांव को आरोपी बना दिया गया है। पुलिस ने सिर्फ विनोद साहू के बयान के आधार पर कार्यवाही की, जबकि पूरे गांव का बयान लेना आवश्यक था।
एफआईआर में धाराएं:
भूपेश बघेल ने बताया कि 167 लोगों पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें हत्या, मॉब लिंचिंग, साक्ष्य छुपाना, दंगा करना, गैर-कानूनी जमावड़ा, डकैती, विस्फोटक पदार्थों का दुरुपयोग, और साजिश शामिल हैं।
विवेचना की पुनः समीक्षा:
बघेल ने सवाल किया कि लोहारीडीह मामले में आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को क्यों निलंबित किया गया और क्या मामले की विवेचना ठीक से की गई थी। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार यह बताए कि जिन लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं, वह सही हैं या नहीं।

संपूर्ण गाँव के खिलाफ साजिश?

भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार लोहारीडीह के सभी ग्रामवासियों को फंसा रही है, और सरकार की मंशा साफ है कि वह इस मामले में फांसी और आजीवन कारावास जैसी सजा दिलाने के लिए प्रयासरत है। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार अपने इशारों पर एफआईआर में और भी लोगों के नाम शामिल करवा सकती है।

पत्रकार वार्ता में उनके साथ कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनमें विधायक दलेश्वर साहू, भोलाराम साहू, और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला शामिल थे।

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