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प्लेन क्रैश से पहले क्या बात कर रहे थे पायलट? AAIB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

AAIB ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इस हादसे में कुल 270 लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार देर रात आई 15 पेज की रिपोर्ट में एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171, जो लंदन गैटविक जा रही थी। उसके दुर्घटनाग्रस्त होने की जाँच के प्रारंभिक निष्कर्षों और स्थिति का विवरण दिया गया है। विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हवाई अड्डे के पास एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार 241 लोगों में से केवल एक यात्री ही बच पाया था। रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए थे। आइए बताते हैं कि दुर्धटना के चंद सेकेंड पहले पायलट आपस में क्या बात कर रहे थे।

पायलट क्या बात कर रहे थे?

  • दोनों इंजनों को हवा में ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई: उड़ान भरने के सिर्फ तीन सेकंड बाद, दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के भीतर RUN से CUTOFF में बदल गए, जिससे अचानक थ्रस्ट में कमी आ गई।
  • कॉकपिट में पायलट का भ्रम: एक पायलट को यह कहते सुना गया कि “आपने कटऑफ क्यों किया?”, जिस पर दूसरे ने कहा, “मैंने नहीं किया”, जो संभवतः तकनीकी गड़बड़ी या अनजाने ट्रिगर का संकेत देता है।
  • एक इंजन को दोबारा स्टार्ट का प्रयास विफल रहा: उड़ान डेटा दिखाता है कि इंजन 1 के लिए री-स्टार्ट का प्रयास स्वतः किया गया और सफल रहा, लेकिन इंजन 2 कई बार ईंधन आपूर्ति के बावजूद शुरू नहीं हो सका।
  • आरएटी तुरंत तैनात किया गया: रैम एयर टर्बाइन (RAT), एक आपातकालीन पावर स्रोत है, जिसे उड़ान के कुछ ही क्षण बाद सक्रिय कर दिया गया, यह दर्शाता है कि सिस्टम में बिजली पूरी तरह से चली गई थी।
  • दुर्घटना से पहले मेडे कॉल दी गई: 08:09:05 UTC पर, विमान के हवाई अड्डे से बाहर की इमारतों से टकराने से कुछ सेकंड पहले इमरजेंसी कॉल जारी की गई थी।
  • विमान ऊपर की ओर झुका था, इंजन बंद थे: विश्लेषण से पता चला कि विमान का अगला भाग 8° ऊपर झुका हुआ था और पंख समतल थे, लेकिन दोनों इंजन बंद थे, जिससे विमान चढ़ नहीं सका।
  • सामान्य टेकऑफ़ मोड में कॉकपिट सेटिंग: फ्लैप और लैंडिंग गियर लीवर सामान्य टेकऑफ़ स्थिति में थे; थ्रस्ट लीवर दुर्घटना के समय निष्क्रिय पाए गए, हालांकि उड़ान के दौरान वे टेकऑफ़ थ्रस्ट पर थे, जो इन-फ्लाइट कटऑफ को दर्शाता है

रिपोर्ट में कई खुलासे

रिपोर्ट के अनुसार, विमान कई इमारतों और ढांचों से टकराया, और इंजन, पंख तथा लैंडिंग गियर जैसे हिस्से बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के पास एक बड़े क्षेत्र में फैल गए। विमान के पास वैध एयरवर्थी सर्टिफिकेट था और उसमें कुछ कैटेगरी C और D MEL (गैर-गंभीर मेंटेनेंस मुद्दे) थे, जो ईंधन प्रणाली से जुड़े नहीं थे। बोइंग ने ईंधन नियंत्रण स्विच लॉक को लेकर एक सलाह (अनिवार्य नहीं) दी थी, लेकिन एयर इंडिया ने वैकल्पिक निरीक्षण नहीं कराया था। विमान में थ्रॉटल मॉड्यूल 2019 और 2023 में बदला गया था।

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