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कोन्दा भैरा के गोठ-व्यंग्यकार सुशील भोले…

–ए बछर के नोबेल शांति पुरस्कार खातिर ईरान के मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी के नॉव ल सुन के मन आनंदित होगे जी भैरा.
-होना ही चाही. जेन किसम ले वो ह ईरान म महिला अधिकार अउ लोकतंत्र जइसन मुद्दा मनला लेके सरलग संघर्ष करे के संग लिखत-पढ़त हे, वो ह सम्मान के पात्र तो बनाबे करथे.
-हाँ जी.. संघर्ष अउ योग्यता के तो सम्मान होना ही चाही. फेर हमर इहाँ तो अइसन सम्मान ह योग्यता ले जादा आपसी सांठगांठ अउ चापलूसी ऊपर जादा आधारित होथे.
-हव जी.. तभे तो हमर इहाँ हरि ठाकुर, लक्ष्मण मस्तुरिया अउ खुमान साव जइसन मनला उंकर कद के मुताबिक घलो सम्मान नइ मिल पावय अउ जोक्कड़, जोजवा अउ जुगाड़ू मन अपन घेंच म बड़का-बड़का तमगा लटका के किंजरत रहिथें.