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देश की राजधानी पीने के पानी की आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर निर्भर…

दिल्‍ली में पानी के संकट को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी अनशन पर बैठी हैं, वह ‘पानी सत्‍याग्रह’ कर रही हैं. आतिशी के अनशन का तीसरा दिन है. AAP ने जल संकट का पूरा ठीकरा हरियाणा सरकार पर फोड़ दिया है. साथ ही हमेशा की तरह दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल वीके सक्‍सेना को घेरे में लेने की कोशिश की है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर रहे हैं, जिन्‍हें रोकने के लिए पानी की बौछार की जा रही है. पानी पर जारी सियासत में बीच आम लोग भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. दिल्‍लीवासियों की ‘प्‍यास’ कब बुझेगी, इस सवाल का जवाब शायद ही किसी के पास हो.

आतिशी ने शुक्रवार को दक्षिणी दिल्ली के भोगल में ‘पानी सत्याग्रह’ शुरू किया. उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा ने भीषण गर्मी के बीच यमुना के पानी में दिल्ली का हिस्सा घटाकर 513 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) कर दिया है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में 28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं. आतिशी ने दावा किया कि हरियाणा पिछले दो सप्ताह से दिल्ली के लिए यमुना में 100 मिलियन गैलन कम पानी छोड़ रहा है, जिससे शहर के 28 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. विपक्ष आतिशी के अनशन पर पानी पर की जा रही सियासत करार दे रहे हैं. वहीं, हरियाणा का कहना है कि हथिनीकुंड बैराज से दिल्‍ली के लिए उपयुक्‍त पानी छोड़ा जा रहा है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को राजधानी के जल संकट के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वीके सक्सेना ने जल संकट पर जारी एक बयान में कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली के मंत्रियों की ‘तीखी बयानबाजी’ विभिन्न स्तरों पर परेशान करने वाली और संदिग्ध रही है. उन्होंने आरोप लगाया, “दिल्ली के राजनीतिक नेताओं ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के एकमात्र उद्देश्य से संकट को पड़ोसी राज्यों पर दोषारोपण करने के अवसर में बदल दिया है. इस विवादास्पद तरीके ने दिल्ली के लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है और पानी की कमी से जूझ रहे पड़ोसी राज्यों को नाराज कर दिया है.” उपराज्यपाल की यह टिप्पणी दिल्ली की जल मंत्री आतिशी द्वारा हरियाणा से पानी का उचित हिस्सा जारी किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के एक दिन बाद आई. सक्सेना ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को एक सुझाव दिया था कि वह अपने सलाहकारों पर नए सिरे से विचार करें जिनमें ‘प्रशासनिक कौशल और पेशेवर क्षमता की कमी’ दिख रही है, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया.

दिल्ली में जल संकट को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सियासत जारी है. भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आप नेत्री और जल मंत्री आतिशी के अनशन पर बड़े सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि आतिशी का अनशन उनकी ही सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ है, क्योंकि राजधानी में आम आदमी पार्टी की ही सरकार है और उसकी ही जल मंत्री आतिशी अनशन पर बैठ गईं हैं.” उन्होंने आतिशी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, जब वो अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने की सुगबुआहट सुनती हैं, तो अनशन पर बैठ जाती हैं. इन सबके पीछे बहुत कुछ चल रहा है. आप सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा मनोज तिवारी ने कहा कि अगर आप से काम नहीं हो पा रहा है तो सरेंडर कर दो. इसके 15 दिन के अंदर टैंकर माफियाओं पर चोट लगेगी और पानी जिनके हक में है उन्हें मिलने लगेगा. भाजपा सांसद ने कहा कि पहले दिल्ली नगर निगम भाजपा के पास था, इसलिए वो हम पर हर चीज का दोष लगा दिया करते थे. अब एमसीडी, दिल्ली सरकार, जल बोर्ड और डीटीसी सभी आप के पास है, इसलिए अब कोई बहाना नहीं चलेगा. अब चाहे अनशन पर बैठो या कुछ भी करो, अगले पांच महीने में दिल्ली की जनता आप को स्थायी रूप से जमीन पर बैठा देगी.

दिल्‍ली के पास पानी का अपना कोई स्रोत नहीं है. देश की राजधानी पीने के पानी की आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर निर्भर है. आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि दिल्ली को प्रतिदिन आपूर्ति किए जाने वाले 1,005 एमजीडी पानी में से शहर को हरियाणा से 613 एमजीडी पानी मिलना चाहिए, लेकिन 513 एमजीडी से भी कम पानी मिल रहा है. ऐसे में आधी से ज्‍यादा दिल्‍ली को पीने के लिए पानी की आपूर्ति करना बेहद मुश्किल हो रहा है.

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